खेसारी और निरहुआ जी में किसके बच्चे है सबसे ज्यादा संस्कारी


July 30, 2021

बच्चे वही सीखते हैं जो वे देखते हैं और यह सच है क्योंकि चाहे आप एक सामान्य बच्चे हों या स्टार किड। एक बच्चा बच्चा होता है और वह अपने परिवार के सदस्यों को देखकर बड़ा होता है। उनके सभी मूल्य और संस्कृतियां उनके माता-पिता की प्रतिकृति मात्र हैं। यहां हम आपको निरहुआ और खेसारी के भोजपुरी स्टार किड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो संस्कारी हैं।

जुबली स्टार निरहुआ के तीन बच्चे हैं। एक बेटी का नाम अदिति यादव और दो बेटे आदित्य और अमित यादव हैं। निरहुआ के तीनों बच्चे संस्कारी हैं और अपनी मिट्टी से बहुत जुड़े हुए हैं। जहाँ महाननगरी में रहने वाले बच्चे अपनी संस्कृति और संस्कार के को उतना महत्व नही देते वही निरहुआ जी के बच्चे अपनी सभ्यता और संस्कार को नही भुले। उनके बच्चों को उनके रीति-रिवाजों के बारे में अच्छी तरह से पता है। वे अपनी परंपराओं का पालन करते हैं और बहुत अच्छे संस्कारी बच्चे हैं।

भोजपुरी के सुपरस्टार निरहुआ ने अपने कामयाब जीवन में उनकी माता जी का भी बहुत बड़ा हिस्सा है। दिनेश लाल यादव की माता जी आपने साधारण से जीवन में अपने जीवन को व्यतीत कर रही। वही सादगी और गांव वाले जीवन का आनंद प्राप्त करती हुई। खेत खलियार से जुड़े उनकी माता जी ने एक इंटरव्यू में बताया की उनके बेटे अपनी माँ का हल चल लेने आते रहते है और यह भी कहा माँ बाप के आशीर्वाद के बिना कोई आगे नही बढ़ सकता। दिनेश जी के घर के लोग मुंबई में रहते है। उनके बच्चे वही पढ़ाई कर रहे है।

अगले हैं हमारे सुपरस्टार खेसारी लाल यादव। खेसारी लाल यादव के तीन बच्चे हैं। कीर्ति यादव नाम की एक बेटी। दो बेटे युगराज और ऋषभ यादव है। तीनों बच्चे काफी मीडिया फ्रेंडली हैं और इंटरव्यू में आते हैं। बच्चे बहुत अच्छे संस्कार से पाले बड़े है। मेट्रो शहर में रहने के बावजूद बच्चे अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं को निभाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी बेटी कीर्ति हमेशा मीडिया से रूबरू होती रहती हैं। वह अपने परिवार, पिता और अपने गांव के बारे में बात करती है। बच्चे अक्सर अपने गाँव पर आते जाते रहते हैं। इससे पता चलता है कि बच्चे अपनी संस्कृति और मिटटी से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं।

जैसे खेसारी जी अक्सर ये बात कहते है कि वो आपने बीते दिनों को याद करके अक्सर भी कहा है कि कैसे वो कुछ चीजें बहुत मिस करते हैं जैसे वो सतु और आचार को अपने गमछे में नदी के पानी से उसको मिला कर खा लेते थे। खेसारी जी ने ये भी बताया था कि उन्हें उनके दोस्त यार भी बहुत याद आते हैं। उन्होंने अपने आत्मविश्वास के दिन की बात बताई की वो कैसे एक पैंट में उनके सात भाई पहनते थे।

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