इतने सालो बाद कितना बदल गई नदिया के पार वाली गूंजा


May 19, 2019

नदिया के पार ( Nadiya Ke Paar ) नाम सुनते ही लोग ३५ साल पीछे चले जाते है नदिया के पार एक ऐसी फिल्म है जिसने लोगो के जीवन में बहुत बड़ी छाप छोड़ी और कुछ मीठी यादे भी. गूंजा का असली नाम साधना सिंह ( Sadhana Singh ) है साधना सिंह ने नदिया के पार के बाद कुछ ज्यादा फिल्मे नहीं की लेकिन उस फिल्म में चन्दन और गूंजा ने दर्शको के दिलो पर आज भी राज कर रहे है . गूंजा या साधना सिंह साधना सिंह एक मध्यम परिवार से थी और उनके परिवार में उस समय फिल्म करना यानी बहुत बड़ी बात होती थी साधना को एक्टिंग की कोई भी जानकारी नहीं थी नदिया के पार ( Nadiya Ke Paar ) की शूटिंग जौनपुर में हुई थी साधना जी से पूछा गया की आपकी कुछ खाश यादे जो नदिया के पार की हो तो उन्होंने कहा की मुझे आज भी लगता है की मैंने कल ही शूटिंग खत्म की है और मैं अपने आप को गूंजा से अलग कर ही नहीं पाई. साधना सिंह की ये पहली फिल्म थी और जिस दिन नदिया के पार की शूटिंग खत्म हुई उस दिन पूरा गांव रोया था.

Nadiya Ke Paar Actress Sadhana Singh Gunja

Nadiya Ke Paar Actress Sadhana Singh Gunja

सवाल : आप अपने आप को गूंजा मानती है या साधना सिंह

मैं अपने आप को गूंजा Gunja ) से कभी अलग नहीं कर पाई मैं एक बार बिहार गई थी और मुझे बहुत देर हो गई थी तो लोगो ने बोला की आज यही रुक जाइये वहा के लोग मुझे साधना सिंह ( Sadhna Singh ) से नहीं गूंजा ( Gunja )  के नाम से ही पुकारते थे. और मुझे बहुत ख़ुशी होती है की लोग मुझे गूंजा नाम से बुलाते है . नदिया के पार के बाद साधना सिंह की और भी फिल्मे आई जैसे सुर संगम , तुलसी और पिया मिलन. और एक खाश बात आपको बता देते है भोजपुरी की पहली फिल्म गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो को साधना सिंह के ससुर जी ने बनाई थी .गूंजा इस बात को आज तक मानती है की आज वो जो भी है अपने दर्शको के प्यार के वजह से है.

Nadiya Ke Paar Actress Sadhana Singh Gunja

Nadiya Ke Paar Actress Sadhana Singh Gunja

सवाल : भोजपुरी गानो के गिरते स्तर के बारे में आप क्या बोलेंगी

भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रशाद जी ने मेरे सरूर जी से कहा था है आप भोजपुरी में फिल्म ( Bhojpuri Film ) क्यों नहीं बनाते क्यों भोजपुरी दुनिया की सबसे मीठी बोली है तब जा के मेरे ससुर जी ने गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो Ganga Maiya Tohe Piyari Chadaibo ) बनाई. जब गंगा मइया तोहे पियरी रिलीज़ हुई थी तब राजेंद्र प्रसाद और लाल बहादुर शास्त्री भी इस फिल्म को देखने के लिए सिनेमा हाल गए थे. लेकिन अब भोजपुरी का स्तर इतना गिरा दिया है की भोजपुरी का दूसरा नाम गंदगी हो चुकी है अब भोजपुरी को सुधरने में बहुत समय लगेगा अगर दर्शक चाहे तो .

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