कल यानि चार जून को भोजपुरी के महान संगीतकार धनंजय मिश्रा का मुंबई में देहांत होगया अभी तक उनके मित्यु की वजह का पता नहीं चला है लेकिन भोजपुरी इंडस्ट्री से जुड़े खास लोगो का कहना है की मुँह से खून निकलने की बाद उनकी मौत हुई। जब से ये खबर लोगो को पता चली है पूरा भोजपुरी सिनेमा जगत सोक में है कल उनका मुंबईआ में उनके परिवार द्वारा उनका अंतिम संस्कार किया गया है।
इसी भोजपुरी भोजपुरी अभिनेता व् गायक राकेश मिश्रा ने धनंजय मिश्रा की मौत को भोजपुरी इंडस्ट्री और खुद की लापरवाही बताई उनका कहना है अगर कोई भी भोजपुरी कलाकार समय पर उनकी मदद कर देता तो उनकी जान बच जात। राकेश ने आज एक फेसबुक पर पोस्ट डाली है जिसमे वो काफी भावुक नजर आये और भोजपुरी सिनेमा से जुड़े लोगो पर अफ़सोस जाहिर करते हुए बोले की हम लोगो एक गाड़ी का इंतजाम नहीं कर पाए जिसके कारन धनंजय मिश्रा जी हमारे बिच नहीं रहे। निचे दी गई जानकारी राकेश मिश्रा द्वारा फेसबुक पर लिखी गई है।
😭😭😭😭😭😭😭मैं जो लिखने जा रहा हूं शायद मुझे भी नहीं पता है कि मैं क्या लिखने जा रहा हूं वह एक कड़वा सत्य है जिसको मैं कभी नहीं भूल सकता आपके साथ वही हुआ जो कभी हम किताबों में पढ़ते थे कहानी एक रात की यह विधाता का खेल नहीं तो और क्या है रात 9:00 बजे से आंख मिचोली की कहानी शुरू हुई आपके साथ और सुबह 9:00 बजे वह खत्म हो गया आपके ऑफिस पर काम करने वाला लड़के के साथ मैं पूरी रात ऑनलाइन रहा पूरी रात खबर लेता रहा आपके साथ काम करने वाला लड़का रात भर एक गाड़ी के लिए बोलता रह गया मैं अपने घर आरा में बैठकर मुंबई में गाड़ी का प्रयास करता रह गया लेकिन यह विधाता के खेल देखिए कि आपको पूरे रात हॉस्पिटल ले जाने के लिए एक गाड़ी नसीब नहीं हुई सुबह जब आप का जनाजा निकला तो गाड़ियों की लाइन लग गई मुझे तो बस इतना पता है कि आप मुझे अनाथ करके चले गए
क्योंकि मैंने आपको जिस रूप में जब भी ढूंढा एक बाप के रूप में एक मां के रूप में एक दोस्त के रूप में एक भाई के रूप में एक संगीत के रूप में एक गीत के रूप में आपने हमेशा मेरा उंगली पकड़कर मुझे साथ दिया कल आपके जाने के बाद मुझे हिम्मत नहीं थी कि मैं अपनी बात लिखूं या पोस्ट कर सकूं बहुत संभालने के बाद आज मैंने अपनी बात जो सत्य घटना मेरे आंखों के सामने हुई है वह मैं आपके चाहने वाले और सभी भोजपुरी श्रोता के बीच में रख रहा हूं कि आप की घटना कोई ऐसे वैसे नहीं हुई है चाहे यह समय की लापरवाही कहिए यह हम सब की लापरवाही कहिए या हमारी मजबूरी कहिए क्षमा कितना भी मांगे तो वह कभी क्षमा योग्य भी नहीं हो सकता लेकिन मेरी आपसे एक शिकायत रह गई कि आपने किसी को एक मौका तक नहीं दिया खुद से मिलने का भी जब आप चले गए तो पूरी दुनिया ने सोशल मीडिया फेसबुक इंस्टाग्राम हर जगह बहुत भावना भावनात्मक पूर्ण बातचीत किया लेकिन जब आप जिंदा थे आपको जरूरत थी कुछ नहीं हो पाया यही तो विधाता का खेल है हम सब हार गए असर तो रहेगी असर तो रहेगी मेरे जीवन पर आपकी बात की नहीं भूलूंगा मैं कहानी आखिरी रात की और मैं आपका एक बेटा होने के नाते एक भाई होने के नाते आप नहीं हैं लेकिन पूरे भोजपुरी समाज से वादा करता हूं कि मैं आपके पूरे परिवार के साथ एक बेटे की तरह एक परिवार की तरह हमेशा खड़ा रहूंगा🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏.