भोजपुरी सिनेमा एक समय में सिर्फ उत्तर प्रदेश और बिहार में देखा जाता था पर आज के दिन भोजपुरी पुरे भारत में देखा और सुना जाता है भोजपुरी सिनेमा का उदय गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो से लेके ससुरा बड़ा पइसा वाला से हुआ बहुत सारे उतार और चढ़ाव भोजपुरी सिनेमा ने देखा है
कुणाल सिंह , मनोज तिवारी , रवि किशन के बाद पवन सिंह , दिनेश लाल यादव निरहुआ और खेसारी लाल यादव जैसे सुपर स्टार दिए . पर आज हम बात करेंग भोजपुरी अवार्ड शो के बारे में आज कल जो भोजपुरी के अवार्ड शो होते है अवार्ड शो वाले पहले अपने फायदे के अनुसार अवार्ड देते है और यहाँ पर किसी भी तरह की वोटिंग नहीं होती दर्शको से पूछा भी नहीं जाता और दो चार लोग एक कमरे के अंदर तय कर लेते है की कौन बेस्ट है यहाँ तक तो ठीक है पर अवार्ड लेने वाले से भी पूछते है की आपको कौन सा अवार्ड लेना है और भोजपुरी के आज कल की कुछ अभिनेत्रियां और अभिनेता मुँह उठा के अवार्ड लेने चले जाते है
भोजपुरी के कई प्रकार के हर साल अवार्ड शो होते है भोजपुरी अवार्ड लेने और देने का भी अलग अलग समूह होता है किसी अवार्ड में मनोज तिवारी पवन सिंह निरहुआ नहीं होंगे तो किसी में खेसारी लाल रवि किशन आम्रपाली दुबे नहीं होंगे जरा आप ही सोचिये ऐसे अवार्ड शो का क्या मतलब जो पूछ के दिया जाता है जिस हीरोइन का कोई नाम तक नहीं जनता उसे बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिल जाता है और किसी सिंगर को सा रे गा मा नहीं पता उसे बेस्ट सिंगर का अवार्ड मिल जाता है भोजपुरी के अवार्ड शो आयोजकों से यही निवेदन होगा की कला को देख के अवार्ड दे ना की मुँह और फायदा देख के.